Welcome to "Shri Siddheshwar Nath Shiv Mandir"

Welcome to "Shri Siddheshwar Nath Shiv Mandir"
Mukhya Mandir

Friday, January 20, 2017

मंदिर परिसर में नवनिर्मित “श्री राधे कृष्ण मंदिर” में “श्री राधे कृष्ण जी” की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ एवं “संगीतमय मानस कथा” का अमृतमयी प्रवचन

     “श्री सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर” परिसर में आज साधारण बैठक संपन्न हुआ , जिसमे सभी पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे | बैठक की अध्यक्षता करते हुए महंथ श्री लल्लन गिरी जी महाराज एवं पंडित रमेश दुबे जी ने  “श्री राधे कृष्ण मंदिर”  के निर्माण और प्राणप्रतिष्ठा के बारे में बताया और आगामी कार्यक्रमों के बारे में विचार विमर्श हुआ, एवं हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी “ यज्ञ, प्रवचन और कलश यात्रा” का आयोजन किया जायेगा | सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि– दिनांक- 15-03-2017 से मंदिर परिसर में नवनिर्मित  “श्री राधे कृष्ण मंदिर” में “श्री राधे कृष्ण जी” की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा एवं यज्ञ कराया जायेगा | जिसमे 15-03-2017 को प्रातः 07 बजे से कलश यात्रा एवं सायं 07 बजे से “संगीतमय मानस कथा” का अमृतमयी प्रवचन कथा व्यास पंडित “श्री विरेन्द्र तिवारी जी” के मुखारविन्द से होगा |  


Wednesday, December 23, 2015

श्री रामलीला - भगवान श्री राम के जन्म की अद्भुत कथा का आयोजन


भगवान श्री राम के जन्म की अद्भुत कथा का आयोजन "श्री सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर" , न्यू कॉलोनी , निकट
-छोटा पार्क , गरुलपार , देवरिया पर किया गया है!

दिनाँक :-19 /12 /2015 से 29/12 /2015 तक सायंकाल 06 :00 बजे से 10 :00 बजे रात तक होगा। 

अतः आप सभी भक्तजनों से निवेदन है की समय से उपस्थित होकर कथा का स्रवनपान करे।

जय श्री राम

संपर्क सूत्र :-
महंथ श्री लल्लन गिरी जी महाराज - +91-9795259990
पंडित रमेश चन्द्र दुबे जी (रमेश बाबा) +91-9838285373

Friday, June 19, 2015





"Shri Rudra Mahayagya,  Shri Shani Dev Navgraha Mandir Ka  Pran Prahistha" Ka Kryakram 16 June 2015 Se  24 June 2015 Tk Kiya Gya,  Pravachan Karyakram Evening me 07:00 PM Se Pandit Sravan Das Ji Maharaj Dwara Kiya Gya. 

Wednesday, August 25, 2010

SSNSM Trust द्वारा "श्री राम कथा का आयोजन" (17 अगस्त ,10 से 24 अगस्त, 10 तक )

"SSNSM ट्रस्ट" द्वारा 17 अगस्त, 10 से 24 अगस्त ,10 तक " श्री राम कथा " का आयोजन " श्री सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर , गरुलपार , न्यू कालोनी , देवरिया ( प्र) " में आयोजित किया गया ! जिसका स्रवनपान " मानस मन्दाकिनी कु विजयालक्ष्मी " ने कराया ! इस भब्य समारोह के उदघाटन कर्ता SSBL Inter Collage प्रधानाचार्य डा0 अजय मणि त्रिपाठी , BRDPG Collage के प्रोफ़ेसर सुधाकर मणि त्रिपाठी और माननीय पारसनाथ गुप्ता जी रहे !



इस भब्य समारोह को सफल बनाने के लिए हजारो की संख्या में लोग उपस्थित रहे !



दिनांक 24 अगस्त , 10 को " श्री राम कथा " का समापन एवम "सामूहिक हवन" किया गया !

Tuesday, May 4, 2010

DONATE NOW दान करे ! सहयोग आपका , प्रयास हमारा


"ट्रस्ट" द्वारा भविष्य में  गरीब व असहाय लोगो  हेतु नि:शुल्क कार्य करने पर बिचार किया जा  रहा है ! जिसमे कई संस्थाये एक साथ मिलकर काम करेंगी !

Contact Number's:

Mr. Lallan Giri,
+91-9795259990

Mr. Raj Shekhar Goswami,
+91- 9640444066


Communication Address:

'Shri Siddheshvar Nath Shiv mandir Trust',
Ram Gulam Tola,
Near- Tinku Baba Ka Chouraha,
Gosai Mandir, Deoria. (U.P.) 274001.

Temple & Site Address:

'Shri Siddheshvar Nath Shiv Mandir Trust' (Old Shiv Mandir),
New Colony, Near- Chhota Park, Garulpar, Deoria. (U.P.) 274001


Friday, April 2, 2010

श्री हनुमान मंदिर , माँ काली मंदिर,

इस मंदिर में अलग - अलग जगहों से विद्वान ब्राम्हण आकर रोज - रोज "पूजा - अरचना तथा जप" इत्यादि करते है!


यह बिशाल "पीपल का पेड़" मंदिर के प्रांगढ में स्थित है! जो मंदिर की शोभा को बढ़ाता है !








ये मंदिर "ट्रस्ट" के प्रांगढ में स्थित "श्री हनुमान मंदिर" है!



ये चित्र " माँ काली मंदिर " में "माँ काली " की प्रतिमा है!



ये चित्र "माँ काली मंदिर" के बाहर का है ! जो "ट्रस्ट" के प्रांगढ में स्थित है !

Thursday, March 25, 2010

श्री कृष्ण जन्मास्टमी के बारे में

श्री सिद्धेश्वर नाथ शिव मंदिर में कृष्ण-जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार पूरे भारत और विश्व के कुछ अन्य देशों में भी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। कहीं रासलीला का आयोजन होता है तो कहीं बाल-कृष्ण की झाँकी निकाली जाती है। कहीं-कहीं भजन-कीर्तन का आयोजन होता है तो कहीं-कहीं मेलों में देव-देवी की मूर्तियों से पंडाल सजाए जाते हैं। इस प्रकार एक बहुत ही आध्यात्मिक और सौहार्दपूर्ण माहौल का निर्माण हो जाता है।
आइए इस पावन अवसर पर मैं आप महानुभाओं को देवरिया लिए चलता हूँ और देखते हैं कि इस जनपद में कृष्ण-जन्माष्टमी मनाने का स्वरूप कैसा है? देवरियाई जनता क्या-क्या करती है इस अवसर पर.....देवरिया के हर थाने, कोतवाली आदि में कृष्ण जन्माष्टमी का समारोह बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इन स्थानों को सजाया जाता है। बाल कृष्ण की झाँकी लगाई जाती है। नृत्य-गायन, भजन-कीर्तन आदि रातभर चलते रहते हैं।शहरों, कस्बों आदि में जगह-जगह देव-देवी विशेषकर माखनचोर की मूर्तियों को पंडाल में सजाया जाता है और रातभर मेला चलता रहता है। लोगों का हजूम उमड़ता है और भगवान के दर्शन करते हुए मेले का आनन्द उठाता है।तो अब आइए, थोड़ा ग्रामीण क्षेत्रों की ओर यानि गाँवों की भी सैर करें और देखें कि ग्रामीण जनता-जनार्दन जन्माष्टमी का त्योहार किस प्रकार मनाती है।कृष्ण-जन्माष्टमी के दिन अधिकांश ग्रामवासी व्रत रखते हैं। यहाँ तक कि छोटे-छोटे बच्चे भी श्रद्धा और उत्साह के साथ व्रत रखते हैं। कुछ बच्चे तो इस आशा में व्रत रखते हैं कि खूब फल, जैसे- सेब, केला आदि और रामदाना, दूध, दही आदि भरपूर मात्रा में खाने को मिलेगा।इन ग्रामीण क्षेत्रों में कृष्ण जन्माष्टमी को समारोह के रूप में मनाने की तैयारी सुबह जगते ही शुरु हो जाती है। बच्चों का काम फूल-माला आदि तैयार करना और तोरण बनाने के साथ-साथ आम के पल्लव, अशोक के पल्लव व केले के पौधे आदि एकत्र करना होता है। जवनका गोल (युवा वर्ग) बुढ़वा गोल (बुजुर्ग वर्ग) की देख-रेख में डोल (एक प्रकार का मंदिर जो कपड़े, रंगीन कागज आदि को एक छोटी चौकी के ऊपर लकड़ी आदि पर चिपकाकर बनाया जाता है) का निर्माण करते हैं। इस डोल को विभिन्न प्रकार के सजावटी सामानों से सजाया जाता है। फिर इस डोल को किसी के घर या मंदिर में रख देते हैं। डोल के अगल-बगल में तोरण आदि के साथ-साथ केले के पौधे, आम, अशोक, कनैल आदि की छोटी-छोटी पल्लवदार टहनियाँ लगाई जाती हैं। यह झाँकी बहुत ही मनमोहक होती है और एक अद्भुत, आध्यात्मिक आनन्द मन में कहीं हिचकोले लेने लगता है। साम होते ही इस डोल में बाल कृष्ण की मूर्ति या फोटो आदि के साथ अन्य देवी-देवता के फोटो भी रखे जाते हैं। दीपक, अगरबत्ती आदि जलाई जाती है। इस डोल के मध्य में एक खीरे आदि को फाड़कर उसमें कसैली (सुपाड़ी) आदि डालकर रख देते हैं। कीर्तनियाँ लोग कीर्तन गाना शुरु कर देते हैं और यह कीर्तन लगातार बारह बजे रात तक चलता रहता है जबतक भगवान का जन्म नहीं हो जाता। बारह बजते ही एक व्यक्ति डोल के पास जाकर सादर सुपाड़ी को खीरे में से निकालकर अलग रख देता है यानि भगवान का प्रकटीकरण। इसके साथ ही शंख, घंटे, ढोल, नगाढ़े आदि से पूरा वातावरण गूँजने लगता है। चारों तरफ भगवान कृष्ण की जय-जयकार सुनाई देती है। भए प्रकट कृपाला, दीन दयाला... के बाद कीर्तनिया गोल यह कीर्तन,"आठो हो बजनवा, जसोदा घर बाजे,जसोदा घर बाजे, जसोदा घर बाजे, नंद घरे बाजे, आठो हो बजनवा, जसोदा घर बाजे।जब जनम लिए बनवारी, तब खुली गइली जेल के केवारी (किवाड़), देवकी अउरी बसुदेव के खुली गइल हाथ के बधनवा, हो हाथ के बधनवा,जसोदा घर बाजे, जसोदा घर बाजे, नंद घरे बाजे, आठो हो बजनवा, जसोदा घर बाजे........। "गाते हैं। इसके बाद आरती होती है और प्रसाद बाँटा जाता है। प्रसाद की मात्रा बहुत ही अधिक होती है क्योंकि बहुत सारे श्रद्धालु अपने-अपने घर से मनभोग (आटे को घी में भूनकर चीनी, सूखे फल आदि मिलाकर बनाया हुआ प्रसाद), पंजीरी (धनिया को भूनकर, पीसकर उसमें चीनी, मेवे आदि मिलाकर बनाया हुआ प्रसाद), चनारमृत (पंचामृत) और फलों को काटकर लाते हैं और ये सभी प्रसाद लोगों में बाँटे जाते हैं। प्रसाद ग्रहण करने के बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले जाते हैं पर एक जरूरी बात यह है कि एक या दो लोग डोल के पास ही नीचे सोते हैं और दीपक में बराबर तेल-बत्ती करते रहते हैं ताकि अक्षय-दीप बराबर जलता रहे।उस दिन से लगातार हर रात को भजन-कीर्तन का सिलसिला शुरु हो जाता है और आरती के बाद प्रसाद वितरण होता है।पाँचवें, सातवें, नौवें या ग्याहरवें दिन इस डोल को पूरे गाँव में घूमाया जाता है। डोल के पीछे-पीछे कीर्तनिया गोल कीर्तन-भजन करते हुए चलता है और कुछ लोग डोल के साथ-साथ मनभोग, पंजीरी, पंचामृत आदि प्रसाद लेकर चलते हैं और दर्शनार्थियों को बाँटते हैं। यह डोल प्रत्येक घर में जाता है और उस घर के सभी लोग बाल कृष्ण के दर्शन करते हैं और श्रद्धापूर्वक कुछ दान-दक्षिणा चढ़ाते हैं। पूरे गाँव में डोल को घूमाने के बाद आरती करके विसर्जन कर दिया जाता है।और हाँ जो भी चढ़ावा चढ़ता है उसको गिनकर किसी के घर पर रख दिया जाता है और अगले साल वह व्यक्ति कुछ और रुपए मिलाकर वापस करता है। इस पैसे से डोल के सामान के साथ-साथ वाद्य-यंत्र आदि खरीदे जाते हैं।।।हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।बोलिए कृष्ण भगवान की जय!

राज शेखर गोस्वामी और महंथ मंकेश्वर गिरी " मंगरू बाबा"

Wednesday, March 24, 2010

Location of "SSNSM Trust"

DEORIA:This district is located between 26 ° 6' north and 27° 8' to 83° 29' east and 84° 26' east longitude out of which district Kushinagar was created in 1994 by taking north and east portion of Deoria district.District Deoria is surrounded by district kushinagar in North, district Gopalganj and Siwan(Bihar state)in East ,district Mau and district Ballia in south and district Gorakhpur in West.Deoria district headquarter is situated at 53 km. milestone from Gorakhpur by road towards east.Ghaghara, Rapti and Chhoti Gandak are the main rivers in this district. Deoria District came into existence at March 16' 1946 from Gorakhpur district.The name DEORIA is derived from 'Devaranya' or probably 'Devpuria' as believed.According to official gazzettes,the district name 'Deoria' is taken by its headquarter name 'Deoria' and the term ' DEORIA' generally means a place where there are temples.The name ' DEORIA' originated by a fossil( broken) Shiva Temple by the side of 'kurna river' in its northside and Shri Shiddheswar Nath Shiv Mandir in New colony.

"SSNSM Trust"

"Shri Shiddheswar Nath Shiv Mandir" is the oldest Temple of Deoria City and located at New Colony, Near- Graulpar, Deoria, Uttar Pradesh, India. Founder Mr. Lallan Giri create a trust for Developing of this Temple and we Invite you to visit The Temple and Lord Shiva, Shree Hanuman, Mata Kaali, Mata Durga Temple also in SSNSM Trust Ground, It is 188 year's old temple . We invite All Ngo's, Trusts and Social Welfare organisation means who working in Social Services and Individuals for support the Social Service like Children's Health and Education, Women and Child Safety, Education, Development and Improvement, Health and  Environmental Awareness, Road Safety and Awareness, Blood Donation, Eye Donation, Child Labour awareness, Disability Help Center, Go Green and Save Water Awareness, Emergencies Awareness  etc. If you want to know anything about Social service of SSNSM Trust or for Donate Please call or SMS to +91- 9640444066/ 9795259990.